हमारी हल्दी की खेती
हमारी हल्दी की खेती नामक हमारे इस लेख में ,
यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि हल्दी की
खेती कैसे करें?
हल्दी की खेती किसी किसान के लिए कितनी लाभदायक सिद्ध हो सकती है।
अगर सचमुच आप भी एक किसान हैं और खेती
से अधिक से अधिक लाभ कमाना चाहते हैं तो
एक बार इस लेख को अवश्य पढें लाभ होगा।
क्या है हल्दी
कैसे करें हल्दी की खेती नामक इस लेख में हल्दी
की खेती,
और उससे जुड़ी तमाम जानकारियों को बताया गया है।
लेकिन हल्दी की खेती कैसे करें यह विधिवत
जानने के पहले यह जानना जरूरी है कि हल्दी क्या।
होती है और इसमें कौन से विशेष गुण इसे सबकी जरूरत बनाते हैं ।
हल्दी भारतीय मसालों में सबसे खास मसाला है।
यह कितनी खास है इसी बात से पता चलता है कि इसके बगैर,
भारत के किसी भी घर का खाना नहीं बन सकता है।
हल्दी में जैव संरक्षण और जैव विनाश दोनों के गुण पाए जाते हैं।
इसका उपयोग दैनिक भोजन में स्वाद के साथ-साथ औषधि के रूप में भी किया जाता है।
हल्दी की खेती
खेती का विज्ञान और हल्दी की खेती का निष्कर्ष यह है कि ‘
हल्दी केवल सात माह में तैयार होने वाली फसल है।
इसके अंकुरण के समय 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरुरत होती है।
इसीलिए कृषि वैज्ञानिक कहतेहैं कि इसके बुआई का सबसे अच्छा समय 17 अप्रैल से 30 मई तक होता है।
हल्दी बोने की विधि
खेती का विज्ञान और हल्दी की खेती में अगला पङा है हल्दी की बुआई।
विशेषज्ञों का मानना है कि हल्दी की बुआई के पहले खेत की,
चार से पांच बार जुताई करनी चाहिए।
फिर हल्दी के रोपण के लिए 15 सेमी ऊंची व 1 मीटर चौङी क्यारी बनाना चाहिए।
हल्दी का रोपण प्रकंद राइजोम से होता है।
जिसमें 20 से 25 क्विंटल प्रकंद प्रति हैक्टेयर की जरुरत पङती है।
ध्यान रखने की बात यह है कि प्रत्येक प्रकंद में तीन-चार आंखे होनी चाहिये।
मिश्रित खेती करें
खेती का विज्ञान और हल्दी की खेती का एक और महत्वपूर्ण पाठ,
यह भी है कि इसकी खेती यदि मिश्रित की जाए
तो और अधिक लाभ की सम्भावना होती है।
हल्दी की खेती के साथ मिश्रित खेती के रूप में
आप इसी के साथ सब्जी की खेती कर सकते हैं।
उङद , मूंग,मिर्च की खेती यदि इसके साथ की जाए,
तो हल्दी की खेती बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है।
जब कटाई करें हल्दी की खेती की
हल्दी की खेती अगर आप कर रहे हैं तो आपको
इसकी फसल कटाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
ध्यान रखने की बात यह है कि फरवरी माह तक हल्दी की खेती तैयार हो जाती है।
जब इसकी पत्तियां पीली हो जाएं तो यह फसल तैयार हो जाने का संकेत है ।
विशेषज्ञों का मानना है कि पहले हंसिये से इसके ऊपरी हिस्से को काट देना चाहिए ।
इसके बाद हल से जुताई करनी है इससे हल्दी के कंद आसानी से मिल जाते हैं।
जब हल्दी करें तैयार
हल्दी की खेती के बाद जब हल्दी तैयार करें तो कुछ बातों का खयाल रखना चाहिए। जैसे :
● उबली हुई हल्दी को बांस की चटाई पर रोशनी वाली जगह में,
पांच से सात सेमी मोटी तह में सुखाना चाहिए।
● इस दौरान हल्दी को रोगों से बचाना चाहिए।
ध्यान रखें हल्दी में सूट बोरर ,लीफ स्पाट,साफ्ट राट जैसे रोग हमला बोलते हैं।
हल्दी की खेती के लिए कुछ सुझाव
खेती का विज्ञान और हल्दी की खेती लेख के अंतिम चरण में,
यहां कुछ टिप्स उन लोगोंके लिए हैं जो भविष्य में हल्दी की खेती करने की इच्छा रखते हैं।
●हल्दी की खेती में खरपतवार खत्म करने के
लिए कम से कम चार पांच बार निराई गुङाई करानी चाहिए।
● जब हल्दी की खेती की कटाई हो जाए तो
सप्ताह भर के अंदर इसे उबाल लेना चाहिए।
● सूखे कंद को ड्रम में डालकर पालिस कर लेना चाहिए।
● रसोई के लिए सबसे अच्छी कस्तूरी प्रजाति को वरीयता देनी चाहिए।
● हल्दी के तैयार कंद को सूखे व ठंडे स्थान पर भंडारण करना चाहिए।
धन्यवाद
KPSINGH 12052018
Nice