क्या परमाणु के अंदर की तस्वीर खींचना संभव है?
क्या परमाणु के अंदर की तस्वीर खींचना संभव है?
यह सिर्फ मेरी जिज्ञासा नहीं है,
बहुत संभव है आपके मन में भी कभी न कभी यह सवाल आया हो
कि क्या परमाणु के अंदर की तस्वीर खींचना संभव है?
और आपके मन को मन मुताबिक मन पसंद जवाब न मिल पाया हो ।
चलिए कोई बात नहीं, देर आए तो दुरुस्त होकर आए।
क्या परमाणु के अंदर की तस्वीर खींचना संभव है?
आज आपको इस पोस्ट में इस प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा।
आइए तलाश करते हैं उस उत्तर की ।
परमाणु की संरचना कैसी है?
क्या परमाणु के अंदर की तस्वीर खींचना संभव है?
इस प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें यह जानने की आवश्यकता है कि
संसार के सभी पदार्थ अणुओं से मिलकर बने हैं और यह अणु
परमाणुओं से मिल कर बने हुए हैं ।
किसी भी परमाणु का गठन इलेक्ट्रॉन, प्रोटान, न्यूट्रान जैसे नन्हें कणों से होता है।
यह बेहद सूक्ष्म कण होते हैं और इतने सूक्ष्म कणों के अंदर की तस्वीर खींचना
प्रथम दृष्टया असंभव सा प्रतीत होता है।
लेकिन आपको आश्चर्य होगा साथ ही साथ खुशी भी
क्यों कि वैज्ञानिकों ने इसे अब संभव सा बना दिया है।
इसका परिणाम यह हुआ कि आपके इस सवाल का जवाब
कि क्या परमाणु के अंदर की तस्वीर खींचना संभव है?
हां है यानी
किसी भी परमाणु के अंदर की तस्वीर खींचना संभव है।
वैज्ञानिक कारनामा
एम्सटर्डम नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने परमाणु के अंदर की तस्वीर,
खींचने का कारनामा कर दिखाया है।
वैज्ञानिकों ने इस कारनामे को करने के लिए लेजर और माइक्रोस्कोप की मदद ली।
फलस्वरूप विज्ञान की इस नई उपलब्धि से
इलेक्ट्रॉनिक्स के विकास का नया रास्ता खुल सकता है
इस बात की बेहद संभावना बढ गई है।
वहीं ब्रह्मांड के निर्माण के मूलभूत राज भी खुल सकते हैं।
ऐसी तस्वीर पहले कभी नहीं ली गई है।
क्योंकि इससे पहले जिस भी कण की तस्वीर लेने की कोशिश की जाती थी,
वह खुद ही नष्ट हो जाता था।
लैब का कारनामा
एम्स्टर्डम की अमोल्फ लैब जो फाउंडेशन फार
फंडामेंटल रिसर्च आन मैटर के लिए जानी जाती है।
इसी ने यह कारनामा किया है।
इस प्रयोग के लिए हाइड्रोजन पार्टिकल को चुना गया था।
क्योंकि उसकी संरचना सबसे आसान होती है। इतना ही नहीं,
इसके बाद अब वैज्ञानिक हीलियम पर रिसर्च की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि वैज्ञानिक इस बात से कतई इन्कार नहीं करते कि
जटिल कणों की तस्वीर लेना कठिन कार्य है।
परमाणु के अंदर
एम्स्टर्डम के वैज्ञानिकों ने परमाणु के अंदर झांकने के प्रयोग के लिए
एक विशेष लेंस की मदद ली थी।
इस लेंस से तस्वीर को 20 हजार गुना बड़ा किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों ने इसी लेंस से क्वांटम माइक्रोस्कोप तैयार किया था।
अपने खास प्रयोग के लिए टीम ने हाइड्रोजन परमाणु पर
दो लेजर डाले जिससे उनकी रफ्तार बढ गयी।
जब डेटेक्टर और इलेक्ट्रान का वेव फंक्शन बराबर हो जाता है तो वह
इलेक्ट्रान नाभिक छोड़ देता है।
इसके बाद इस चेंबर में तेज इलेक्ट्रॉनिक फील्ड की मदद से
इलेक्ट्रान को पूर्व निर्धारित दिशा में एक लेंस से गुजारा गया।
फिर उसकी तस्वीर एक स्फुरदीप्त पर्दे पर ली गई।
इसमें इलेक्ट्रान का विवरण लाइट एवं डार्क छल्लो के रूरूप में दिखाई दिया ।
इसे एक हाई रिजोल्यूशन डिजिटल कैमरे से देखा गया। कई तरह के लेजर डाले गए,
जिससे परमाणु के अंदर कणों की अलग अलग तस्वीर आई।
और इस प्रकार वैज्ञानिकों ने एक उपल को हासिल कर लिया।
धन्यवाद
के पी सिंह किर्तीखेड़ा 03082018
Ye jo jankari aapke dwara di gai he iske liye dhannyavad lekin ek video to dalna hi tha .
For a proof
यह एक खबर है जिसे लेख या विचारों के ब्लाग की शक्ल दी गई है
इसका वीडियो कम से कम मेरे पास उपलब्ध नहीं है
और न ही यह इतना आसान है
विज्ञान का
जानकार बेहतर जानता है इस बात को
टिप्पणी के लिए शुक्रिया
Bhut bdiya नॉलेज दिया है आप ने सर